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हरियाणा में इन अधिकारियों और कर्मचारियों की नहीं खैर, जबरन किया जाएगा रिटायर

Haryana News: हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। काम में लापरवाही बरतने वाले आलसी और लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों को तय सीमा से पहले सेवामुक्त किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने इस संबंध में रिकॉर्ड मांगा है। इसमें वे अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं जिनकी उम्र 50-55 वर्ष है और नौकरी के 25 साल नौकरी के पूरे हो चुके हैं।

हरियाणा सरकार ने इन कर्मचारियों के रिटायरमेंट फैसलों की जांच के लिए एक कमेटी बनाई है, जो उनके कार्य प्रदर्शन की समीक्षा करेगी। इसके तहत, मुख्य सचिव कार्यालय ने प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, हाईकोर्ट रजिस्ट्रार, मंडलायुक्तों और उपायुक्तों से समय से पहले रिटायर हुए कर्मचारियों का रिकॉर्ड मांग लिया है।

मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अधिकारियों और कर्मचारियों से यह जानकारी भी मांगी जाएगी कि वे कर्मचारी किस तारीख को सेवानिवृत्त हुए और उनके मामलों का अंतिम फैसला कब लिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार ने 2019 में एक नीति में संशोधन किया था, जिसके तहत संतोषजनक कार्य प्रदर्शन न करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को 50-55 वर्ष की आयु में जबरन सेवानिवृत्त किया जा सकता है।

इस नीति के अनुसार, कर्मचारियों के एसीआर में कम से कम सात बार “अच्छा” या “काफी अच्छा” की टिप्पणी होनी चाहिए, तभी उन्हें संतोषजनक कार्य माना जाएगा। अगर एसीआर में यह स्तर नहीं होता तो 25 साल की सेवा पूरी कर चुके अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट दिया जा सकता है।

 

 

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